﷽
![]() |
Anware Shariat |
_*अनवारे शरीअत (पोस्ट न. 01)*_
―――――――――――――――――――――
सवाल : - अल्लाह तआला के बारे में कैसा अक़ीदा रखना चाहिए ?*_
जवाब : - अल्लाह तआला एक है उसका कोई शरीक नहीं । आसमान व ज़मीन और सारी मखलूकात का पैदा करने वाला वही है । वही इबादत के लाइक है दूसरा कोई इबादत के लाइक नहीं है । वही सबको रोज़ी देता है । अमीरी गरीबी और इज़्ज़त व जिल्लत सब उसके इखतियार में है । जिसे चाहता है इज्जत देता है । और जिसे चाहता है जिल्लत देता है । उसका हर काम मे हिक़मत है । बंदो की समझ में आये या न आये वह हर कमाल व खूबी वाला है । झूट , दगा , खियानत , जुल्म जिहल वगैरह हर ऐब से पाक है । उसके लिए किसी ऐब का मानना कुफ्र है ।*_
सवाल : - क्या अल्लाह तआला को बुढ़ऊ कहना जाइज़ है ?
जवाब : - अल्लाह तआला की शान में ऐसा लफ्ज़ बोलना कुफ्र हैं।*_
सवाल : - बाज़ लोग कहते हैं कि “ ऊपर वाला जैसा चाहेगा वैसा होगा " और कहते हैं " ऊपर अल्लाह है नीचे तुम हो " या इस तरह कहते हैं कि “ ऊपर अल्लाह नीचे पंच हैं।*_
जवाब : - यह सब जुमले गुमराही के हैं , मुसलमानों को इन से बचना निहायत ज़रूरी है ।
📗अनवारे शरीअत, सफा 10/11
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment